तू माँ नहीं तो कुछ नहीं !

'I am not sure about Disha's marriage but as of now she feels that she doesnt want to reproduce a child ' I casually told to my friends one day .
'Wattttt  '????? ' they shouted ?

' Tell her to re-think before it's too late '

'Mother hood is must "

' Wats the use of woman if she is not a mom ? '
'Is she heartless ? "






All my friends .. now listen to me ... what i m saying ....


-----I know Disha   you are not heartless .You care alot for us , for friends and   for everyone around us .and hence you should not feel obligated by family and societal pressures.

' Women who decides to have children are not superior from the women who decide not to.                  .Both are choices .

I know you very well  disha  ,  You are   the  type of girl  who want to afford what you want by  yourself  not by marrying or frm husband .....and most of the time children are terribly road block in that plan .
even i experienced  road  blocking to some extend with you when you were kid . Very important days of my life went in baby sitting you and washing crayons off from the wall . How miserable i used to feel   many times  not having single minute for me .    .I had to put you ahead always than me .But then   I had patience to entertain you round the clock...But you are right ..test yourself before taking the responsibility of motherhood . you are not tokophobic .

. Parenting indeed a great joy but indeed best when entered into voluntarily .., not under compulsion .
women are far more then a baby factory 

. you should always be in environment that you feel is most comfortable in.. Motherhood may not  always be your speciality .

If you decide not to have children . you are not selfish .Rather you are opposite .you are mature to back enormous pressure and choose to  have life which is right for you ..
Believe me my daughter if you decide not to have children I will never say
'what wrong choice !'
You have every reason to feel great about yourself and your life .

MOVE ON .....MOVE ON DISHA FOR THE THINGS WHICH ARE MORE IMPORTANT TO YOU THAN BECOME A MOTHER ..

#women as a mother #motherhood #motherhood as identity 



मेरा प्यार -सोलह आना |

'प्यार ' कितना ख़ूबसूरत शब्द है यह मै जानती हू|     आज भी |     यह सच भी है  की  प्यार का  एहसास  मात्र  खूबसूरत   होता है |

लेकिन यह भी सच है कि इसी प्यार ने मुझे  दर्द भी  बहुत    दिया है |

स्कूली दिनों में जिस लडके से प्यार किया वो ये 'मत पहनो ,' उससे बात मत करो' . 'इसकी तरफ मत देखो ,' 'कल तुम नै सड़क पर क्या कर रही थी? ' , इससे बाहर  नहीं निकल सका |

महाविद्यालयीन दिनों में जिस लडके के प्यार में मै आकंठ तक डूबी थी वह अपने घर मुझे कभी ले नहीं जा पाया | बस कहता ही रहा -- ' तुम मां -पिताजी के टाइप कि नहीं हो वक़्त लगेगा | बाद में उसने किसी दूसरी लड़की से शादी कर ली जो माँ -पिता को खुश रखने के साथ उसका भी जीवन सँवार सके | उसके मोज़े संभाल कर रख सके ,  वो थक कर आने के बाद साफ-सुथरे घर से उसे खुश कर सके ,  उसके स्वास्थ्य का ख्याल रख सके ,  उसे हाथ में खाना परोस सके 

|बाद में मेरा उससे कभी संपर्क नहीं हो पाया |  मन  भी  नहीं   किया  उससे मिलने का |  डरे   हुए लोगो का जिंदगी  से   जितने  जल्दी   हो सके  निकल  जाना ही  ठीक  है |

प्यार कभी भी स्थिर रहने कि चीज नहीं है |       किसी से प्यार करो तो आजीवन करते रहो भले ही चोट खाते रहो ,किसी कि तरफ देखो भी नहीं | ये  सब मै  नहीं  मानती |

मै इतनी सन्यासी बनने को कभी राजी नहीं थी |   मैंने जिससे प्यार किया पूरी शिद्दत से किया , पूरी गहराई से किया |    बिना किसी मिलावट के |       लेकिन जब   मन   उचटा तो हमेशा के लिए उचट  गया  | , यह बात और है कि उचटने के लिए बहुत सोलिड वजह होती थी |

मै जिस परिवार में पली बढ़ी वंहा तो प्यार करना बहुत   ही   गलत काम था |    गुनाह था |      एसा   गुनाह   जिसकी     सजा   सिर्फ    फांसी  हो  सकती  है  |           मेरे भाइयो का चोर होना , लुच्चा होना , कामचोर होना , भ्रष्टाचारी होना   सभी   कुछ   इतना   गलत   नहीं था   जितना मेरा      किसी से 'प्यार करना '            |वो भी मुझे    मेरे   गुनाहो कि सजा देने को   हमेशा   तत्पर थे |  

बाद में मुझे जिससे प्यार हुआ ,  मेरा पति  उसके साथ कि मेरी प्रेम धारणा पुस्तको पर आधारित थी |    मेरा मन    में  प्यार   करने     की   कल्पना     वैसी   ही  थी    जैसे देवदास ने पार्वती से  ,    रोमियो ने जूलियट से  किया ,'   लगता   था    सिक्स मिलियन डॉलर मेन    ' जैसे 'वयोनिक वुमन ' से प्यार करता था वैसे ही     ये  भी   मुझे प्यार करेगा |

अपने मन में मै ऐसी एक सो एक इच्छाए लेकर  घूमती  थी | नार्थ   का   भयानक    जाड़ा और गर्मी सब पर मेरा स्वप्न छाया रहता था |    पर मेरे प्रेमी का सिगरेट फूकते हुए सिर्फ अपने ही कैरियर और सपनो के बारे में बात करना मुझे बड़ा अजीब लगता था |        मेरे स्वप्न के साथ इस असलियत को मै मिला नहीं पा रही थी |         मेरे   सपने   में   और   और असलियत में बहुत फर्क था |           

 सप ने में रुपये पैसे का हिसाब नहीं रखना पड़ता था सपने में झगड़े नहीं होते थे    |         |मन को दुखी करने वाला समय नहीं होता था !       सपनो में तो पूनम कि चांदनी में तैरते -तैरते जीवन बीत जाता है |  सपने     में  ईगो  नहीं  होते | ये तेरा ये मेरा नहीं होता |  संभालते समय बच्चे  तेरे और  घूमते  समय  मेरे  जैसे  का  हिसाब  नहीं  होता | मेरा    प्यार   मुझे   निजी  जिंदगी  में  दिखाई  नहीं  दिया  |  कही  नहीं  | दूर तक  भी  नहीं  |

लेकिन इस के बावजूद मेरा प्यार कम नहीं हुआ |     क्यों  की   प्यार ऎसी अद्भुत चीज है दिन -ब -दिनकि जिसका स्फुरण ही होता है,      विनाश या विलुप्ति नहीं |                                       लेकिन प्यार कि परिणति होती है यह मै खूब जानती हू |
 

जिससे मै प्यार करती हू उससे मेरा आवेग अब संयमित है | अब मै अपना सोलह आना प्यार पूरी तरह से निछावर नहीं करती |       अब मै अपने लिए बारह आना रखती हू और प्यार के लिए चार आने |     सीधा हिसाब |         प्यार के नाम पर पहले मै बहुत खर्चीली थी   दो आना लेकर सोलह आना देती थी |

अब दो आना लेती हू और दो आना ही देती हू , पर जितना देती हू , वह सोलह आना खरा होता है
#my love #


disha 'शादी कब कर रही हो ? '



आजकल न चाहते हुए भी एक सवाल अचानक लतरों कि तरह मेरे सामने आ ही जाता है |

"दिशा कि शादी कब कर रही हो ?"
"लडके देख रही हो या नहीं ? "
'कैसी   माँ  हो   कुछ  फिक्र  ही  नहीं  |"
'तुम कहो  तो  उसका  नाम  वधु  -वर  सूचक  में   लिखवा  दे "
'
मै  सिर्फ  मुस्कुरा  देती  हू  |  हमारे  घर  में  दिशा  और  दीक  के  निर्णय  मै  नहीं  लेती  |  कैसे समझाऊ कि अपनी जिंदगी के हर निर्णय दिशा खुद लेती है |   उसके माँ -बाप नहीं |                                                       शादी कब करनी है ?    ' किससे करनी है ? '        'करनी   भी   है या नहीं   '      "सिंगल रहना है या live in  "
ये सारे निर्णय उसके ही रहेंगे |  अभी  भी  और  बाद  में  भी  |
हाल  फिलहाल  तो   वह  यह  तय  कर  रही  है  की  उसका काम कंहा जा रहा है ?   "कैसे जा रहा है ? "   उसके   रहने   के  लिये   घर  है  या  नहीं  --उसका अपना |  पिता    ने   कमाया  हुआ  या  पति  ने  कमाया  हुआ  नहीं  |
मेरी उम्र से दिशा कि आज कि उम्र के बीच समय कि दूरी बहुत ज्यादा है |     लेकिन अब भी शादी का महत्व कम नहीं हुआ है |
दिशा कैसे जीना चाहती है ? क्या करना चाहती है | उसके सपने क्या है इससे ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है 'वो शादी कब कर रही है |
फिर महत्व पूर्ण हो जाता है शादी किससे कर रही है ?
ससुराल का status क्या है ?
लड़का क्या करता है ?
कितना सक्सेसफुल है ? अदि अदि |
सबसे   दुःख  की  बात  है  की  इस देश में लड़की कि हैसियत उसकी मेधा से नहीं , उसकी शिक्षा से नहीं  उसके  life  skills    से  नहीं  बल्कि उसकी पति कि योग्यता से आंकी जाती है |
वर्ष पर वर्ष बीत रहे है लेकिन यह अँधेरा कम नहीं हो रहा है ई इस बड़े आधुनिक समाज कि चेतना में जमी हुई धूल, कालिख और मकड़ी के जाल हटाने कि हिम्मत किसी आधुनिकता में नहीं है शायद |
बड़े -बड़े education इंस्टिट्यूट खुल रहे है पर उसमे पढने वाली लडकिया
'शिक्षागत योग्यता '     के बजाय 'स्वामिगत योग्यता "      प्राप्त कर रही है |         अच्छा पति मिलाने तक शिक्षा |
सच  कहे   तो  लडकियो का इसमे क्या दोष ?    दोष तो तरह तरह कि नाइंसाफी वाले संस्कार के है |
बेड़िया पहनी हुई लडकिया घर आंगन , स्कूल कॉलेज और ऑफिस से निकल कर ज्यादा दूर नहीं जा पाती |
शादी के बाद बच्चो के बाद नौकरी , शिक्षा और काम धाम छोड़ने का रिवाज हम आधुनिक शिक्षित परिवारो से आज भी दूर नहीं हुआ है |
लाखो रुपयो कि शिक्षा लेने के बाद शादी के बाद पती और बच्चो की सेवा में जीवन गुज़ारने वाली लडकियो की संख्या    कम होने  के  बजाय    दिन -ब- दिन बढती ही जा रही है |
'
आर्किड'    एक ऐसा लाता पुष्प है जो और पेड़ो का सहारा लेकर जिन्दा रहता है |मेरे चारो तरफ ऐसी कितनी ही लडकिया है जो शादी के पहले पिता का और शादी के बाद पती की पूछ पकड़ कर जिन्दा रहती है|
 नीता जोशी एक दिन अचानक नीता देशमुख बन जाती है |     वह सिर्फ घर बदलती है |     एक आश्रय से दूसरे आश्रय में चली जाती है
हमारी दुनिया से कितना कुछ दूर हो गया है | जंगल खत्म हो गए है , साफ हवा खत्म हो गयी है |  इमान   ख़त्म  हो गया  है  , नहीं  खत्म  हुआ  है  तो  ये  अँधेरा  |
दिशा  ने  अपना  घर  इस  अँधेरे  में नहीं  बल्कि  स्वाभिमान  और  आत्मनिर्भरता  के  उजियारे  में  बनाना तय  किया  है |
लोग  तुम्हे  रोकने  की  कोशिश  करेंगे  दिशा  , जैसी  जा  रही  है  जाओ  |  चलती  जाओ  |
























Marrying a feminist --A Nightmare ??

Again  wo hi   ghisa pita - sentence from my close friends!
" Madhu  we all love you as a friend but no one will like to have you as a wife . You are so difficult .
I listen this ten times in day . 
Why ...  Why my friends are afraid of strong women as their wives ?  

.................

 I suddenly  realized  I  might be difficult for arvind too .  Need to talk .. right now ..


Dear arvind ,

You dated and married me . It might be a nightmare for you 
A wife who is not a wife .
A request , Please  try to understand me from my perspective also . Will help us  today and tomorrow .I am not so tough  . I might be refreshing for you  specially when I took  quite a load off you . No I never hated men . Life will be very easy if you  simply  understand the thumb rule of  my life ." Equality '. thts it .Its  so easy yaar . Let me clearify my views .



1) You are not a money making machine for me .. so please dont try to earn for me and earn some browinie points .




2) Please  dont fight my battles . When I am in a Mess , let me clear it up by myself . I have grown out of fantasies . I think I dont need any charming prince like you to save me .I can handle . please dont try to own me .

3)I cant  do 'crying drama ; I m not feminine that way , you must be actually lucky one that you is saved from all crocodile tears and useless giggles .I am not going to cry a drop and   cant   use my tears to get my way round .

4) I am not only feminist but a well -read person too .so you need to have a lot of talk . Really a lot ,  topics ranging  from play, movies ..... to literature .

5)If you support for my work you are the loveliest person in the world .

\6)Please no gifts and no special day .Showing your love need not to be a special day for me ,It can be today tomorrow , anyday and everyday 

7)And yes ..Please no wrong ideas of 'ROMANCE"
Did I tell you before that I am not brain-washed ? Desi -Movie and Hollywood romance can not mess my brain .I am sure you are glad about this 
.
8)No waiting calls You are saved  from taking an initiative   If I want to talk about an issue ,I will straight talk I know very well what I am doing.
8) Pay interaction actual interactions that is taking place and not the one in your head . I am sharp enough ,

9)And   YES ,Never ,Never Tell me that your work is more important than mine because you earn more or you travel more . Grave mistake from yourside which can even cost your relationship with me .

and last not the least please ...please dont try to be smooth when you are not . Its OK .
Please dont be tough  always you can say .
" I am feeling low and need to be pampered .I will love it and you score for me .

Dont you think I m easier , a lot easier then people think feminist ARE!

Madhu





GORI ..GORI

GORI ....GORI 










कल नासिक आते समय बस में पास बैठी महिला से परिचय हुआ |अपने बेटे के रिश्ते के सिलसिले में कही मिलने जा रही थी |बातो बातो में पता चला लड़का merchant nevy में है | अच्छा खासा पैसा कमाता है | माँ परेशां थी _ लड़की ही नहीं मिल रही है उसके लिए | जब कुंडली वगैरह सब मिल जाती है तो lलड़की सांवली निकलती है |
--दिशा की सहेली के माता पिता को रिश्तेदार आकर चेतावनी दे जाते है
" लड़की सांवली है , शादी जल्दी कर दो " वर्ना घर बैठी रह जाएगी |
मेरे पडोसी अपने बेटे को IIT में जाने के लिए इसलिए प्रोत्साहित करते रहे क्न्यो की IIt की डिग्री के बाद जब लडकियों के माँ -पिता गठरी लेकर घूमेंगे तो उसमे से गोरी लड़की चुनना आसान
हो जायेगा | IIT का goal सिर्फ गोरी लड़की के लिए हो सकता है यह सोच मुझे आतंकित कर देती है
गोरा बनने की दौड़ में हम अब यंहा तक पहुच गए है की गाँवो में
जंहा भरपेट
खाना नहीं मिलेगा वंहा fair and lovely तो जरूर ही मिलेगी |
नेल्सन मंडेला के विचारधारा पर झंडे उठाने वाला लड़का घर आकर बीवी के रूप में गोरी लड़की की मांग करता है |
लड़की शिक्षित है या नहीं , intelligent है या नहीं , क्रिएटिव है या नहीं , passionate है या नहीं यह सब देखने के पहले लड़का और उसके माँ -बाप देखते है की लड़की की ख़ाल सफ़ेद है या नहीं |
बड़े स्तर से लेकर बहुत छोटे स्तर पर वर्णभेद चल रहा है | |सिर्फ अफ्रीका में ही नहीं तृतीय विश्व के हर घर के हर कोने में गुप्त रूप से भयानक रूप में यह वर्ण भेद चालू है |






एक हद तक लडकियों के पोषाक की तरह इसे साबुन ,सोडा से फींचकर खींचकर सफ़ेद किया जा सकता तो तो सबको बड़ी ख़ुशी होती |

कपडे जिस तरह हेंगर पर टंगे होते है ,
लडकिया भी परिवार के हेंगर पर टंगी हुई है | ----कुछ करो यार |

बिचारी ....! कितना काम कराती है ' पति के रिश्तेदार ने चिंता जतायी |
'बिचारी ...कैसे रहती हो ? मुझे देखो मेरा पति रानी जैसा रखता है |दिन भर आराम फरमाती हू | पति के भाभी ने दया की भीख मेरे झोले में बिन मांगे ही भर दी दी थी |
'पति की कमाई और बीवी का चरित्र यही सुखी गुहस्थी का राज है' | साँस ने मंत्र मेरे कान में फूंक दिया था |


तब मैंने चुप रहना ही बेहतर समझा|
पर आज मै जवाब देना जरुरी समझती हू |
'    हाँ , कमरतोड़  मेहनत की है   सिर्फ इसलिए  क्यों की नौकर ,टीवी और ठाट -बाट से ज्यादा मै अपनी बुद्धिमत्ता और व्यक्तिमत्व को ज्यादा महत्व देती हू |
मै अपने स्वाभिमान को कभी छोटा करके नहीं देखती |


'Yes , I worked very hard both at home and outeside home "just because   It has always been wrong for me to expect any man to build the world I wanted rather than to create it for myself ..और इसलिए मेरा पति मुझे कैसे रखता है  रानी जैसा या कुछ और मेरे लिए कुछ मायने नहीं रखता |


Yes i worked hard becuse when your  chose you  men to taken you  to places I just cliked my heels spread my wings and flewwww     just because I buy my own dremas .  and thats why  didnt let   my father . brother and husband hire  me  to build theirs ..






|तुम सबने  पुरुषो को follow करना जरूरी समझा  but   I  ..... followed   'MY OWN DREAMS '

और उसका परिणाम है  की शाम को थक हार कर मै  जिस घर में कदम रखती हू  वो मेरा अपना घर है | मेरी अपनी इच्छाओ  और सपनों के अनुरूप | इस घर में ता जिंदगी मै औरो की तरह अपने टूटे हुए स्वप्न  के लिए  विलाप नहीं कराती रही की 'शादी के पहले मुझे यह सब  पसंद था |'

 - और इसलिए   आज मुझे वह जीवन नहीं बिताना पड़ता जहाँ दिन भर के कामो का हिसाब -किताब देना पड़ता है |
-और इसलिए मुझे  औरो ने मेरे लिए तय किया हुआ  एक तयशुदा जीवन निर्वाह नहीं करना पड़ता|

Yes  it may be delightfully difficult and easier on you 

"If YOu agreed "


NO means NO

Rape , molestation , abuse ....   I am upset .
i  am more upset with the reaction of friends , students and neighbors

" ' यार गलती उस फोटो -जर्नलिस्ट की ही थी , एसी जगह पर जाना ही नहीं चाहिये "|
' यार गलती उस फोटो -जर्नलिस्ट की ही थी , एसी जगह पर जाना ही नहीं चाहिये "|
'अब लडकिया एसे- वैसे कपडे पहनेगी , यंहा वंहा घूमेगी तो एसा तो होगा ही |
कैसे समझाऊ " No ' का मतलब क्या होता है |
primary student की तरह नो का मतलब सिखाना पड़ेगा |

WHAT IS THE MEANING OF 'NO' ? 

तो सीखो | घोलकर प़ी  जाओ | जिंदगी भर याद रखो |


  NO   means                ' NO'
Stop means                    'NO'
Turning away means        NO'
I dont want means            'NO' .
Passed out means             'NO' 
Showing away means        'NO'
I am not ready means         'NO'
Pushing you away means    'NO'
I dont feel like it means        'No' 
Get away from me means    'NO' 
Screaming and shouting means 'NO'
Crying means                          'NO' 
Dont means                            'NO'
Even drunk and drunked means 'No'  








YES MEANS ONE THING ONLY 

FREELY GIVEN CONSENT '
Both persons need , want and desire are an integral part of the interaction .

Mine is ......"Home-making profession .



1)  'आपकी पत्नी क्या करती है ?" पूछने पर मेरे सभी पुरुष मित्र कहते है
मेरी पत्नी टीचर है , बैंक में नौकरी करती है या फिर

'कुछ नहीं करती है , घर पर ही रहती है , हाउस वाइफ है |"

बच्चे भी अपनी ' stay at home mom ' के बारे में यही कहते है
'मम्मी कुछ नहीं करती , घर पर ही रहती है |
SHE IS A HOUSE WIFE .






2) House Wife बतौर पेश किस श्रेणी में आता है , मै ये कभी समझ नहीं पायी | किसी पुरुष को कभी 'House -husband ' का पेशा क्यों नहीं स्वीकारना पड़ता ? एक बेरोजगार युवक कुंठित होकर आत्महत्या कर लेगा , लेकिन घर संभालने के व्यवसाय को नहीं अपनायेगा.... यह व्यवसाय ख़ुदकुशी से भी निचले स्तर का है शायद | इस शर्मनाक व्यवसाय को अपनाने से तो बेहतर है ख़ुदकुशी कर लेना .






3)अब जरा House -Wife को भी समझ ले | House Wife व्यवसाय में भी और व्यवसायों की तरह काम करना होता है | बच्चे संभालने पड़ते है , खाना बनाना पड़ता है , घर ठीक- ठाक रखना होता है |यदि पैसो की तंगी नहीं है तो यह काम घर के नौकरों से करवाने करते पड़ते है . इसके बदले में नौकर और House -Wife दोनों को पारिश्रमिक मिलता है | हाउस-वाइफ को दो वक्त का खाना , कपडे , जेवर अदि मिलते है . फर्क सिर्फ इतना होता है की घर के नौकरों को ज्यादा स्वतंत्रता होती है |नौकर जब चाहे नौकरी छोड़कर जा सकते है पर हाउस -वाइफ , .....

4)आश्चर्य तो मुझे तब होता है जब औरते खुद कहती है
" मै कुछ नहीं करती ' मै हाउस -वाइफ हू|औरतो को समाज ने तो काम दर्ज दिया ही है पर औरते खुद ही अपने काम का इतना काम मूल्यांकन क्यों करती है ? स्त्रीया सुबह से शाम घर काम में पिसती रहती है , पुरुषो से चार गुना ज्यादा काम करती है , फिर भी ' कुछ नहीं करती कैसे कह सकती है ?
हम औरते घर संभालने का जो काम करती है , बच्चे बड़े करने का जो काम करती है , उसके लिए कोई मेनेजर नहीं ख़रीदा जा सकता क्यों की इन कामो में सिर्फ intelligence नहीं बल्कि multi tasking की भी जरुरत होती है .
चले एक काम तो करे , खुद पर गर्व करे , अपने काम पर गर्व करे , अपनी ही पीठ थपथपाए एक multi -tasker होने के नाते |और जब कोई भी पूछे " क्या करती हो ? 
तो आंखे मिलकर सगर्व कहे
' HOME -MAKING
'HOME MAKING PROFESSION




Girls --Which one would you choose ????



1) Once upon a time a prince fell in love with a girl .

He said ' You are very beautiful, Will you marry me ??
The girl smiled .Blushed and said "yes' 
They lived happily everafter .
she cooked for him , gave  him  a lot of love 
The strong Prince and  beautiful girl lived happily .





2) Once upon a time a prince fell in love with a girl 

Will you marry me? " He said .
she said ' No" 
And she lived happily ever after went for shopping ,dancing and drinking never cooked and looked fabulous all the time ..



3)Once upon a time a prince fell in love with a girl.

He said " you are very  intelligent ,Will you marry me ?" 
.

The girl was confused but
 He shared his deepest feeling 

 He encouraged her in her own career ,in her  own work and 
They lived happily ever after cooking for each other and helping each other in their own world .


Inter-dependence is indeed a higher value then independence. Dependence tames women in marriage.

A Letter to my son .



To my son  deek  and all his male friends ,

My dear son , today I have come to you for help .  for last so many years I have been working on gender issues , I have been doing things which  was  only  in my influence ,  But today I need  your help  .
Help from  friend ,  from  Mother, and most of all    from  a  'WOMAN'
,I need   Help from you deek   as  friends , as son  and most of all  as  'MALE' and  as a ,BOY'.
Tthough I was your mother , a superwoman for you who is a multitask er , who is super fast and super independent . yes true , if this is true with me   ,  this is also true my friend that i have been always a 'SURVIVOR ' not
'BENEFICIARY like your father  .

I HAVE BEEN ALWAYS A SURVIVOR .



Today as 'SURVIVOR'  I need your HELP.
I have a request to make dear son .My request is for those situations where I can not enter,
-in
 your group of friends .
-Your night out .                                  
-your friends gossip
-your disco the ck .
-your changing room.......
......................
























I    REQUEST , I request when that when you have a conversation of  rape , molestation , abuse and call each other out on degrading behavior and then any of your friends says

" I am not responsible , she wanted it yaar .

Please Please ...  Please don't   laugh or don't ignore it .
show your disagreement PLEASE .

As a survivor I want allies who just don't   protect me from the world  , but who work to protect world a place where rape , abuse and molestation are not things i have to fear.. .




Love
Madhu,
your mother .
A Woman
A survivor .

14 july 2014.
 



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" Stong woman "

My friends when talk to me about feminism always quote

" Jhansi ki rani "


 वे अक्सर कहते है " हमारे देश में बहादुर औरतो की कमी थोड़ी रही है , जैसे झाँसी की रानी " क्या खूब लड़ी थी "
"सही है न , मधु जी ?"


How to tell them yaar ki Strong woman are not always Jhansi ki rani having talwar in hands and fighting  for country  Actually strong women are always part of us . Strong women are those whom we know , whom we raise and they are part of us .







'STRONG WOMEN"   -are those who know they have strength enough for journey or we can say otherway round that they know  that is is the journey where they will become strong but the borders .

"STRONG WOMEN "  are  simply   the women who are able to stand up for themselves . They are actually the women who don't have to or need to hide behind their husband's or boy friend's back . If they have problem as women , they deal with it too.

" STRONG WOMEN ' are actually those who don't play victim and they never make themselves pitiful .
And also they don't  point fingers .
They stand and they deal


THEY FACE THE WORLD WITH  HEAD  HELD  HIGH AND 

 CARRY THE UNIVERSE IN THEIR HEART



I am strong  a strong woman   .Are uuuuu ??





 

"जानना चाहती हू"


कल रास्ते में एक परिचित मिला | दस साल पहले वह मेरा पडोसी था , स्वाभाविक ही मैंने उससे घरवालो के बारे में पूछा|

' तुम्हारी बहन शशि क्या कर रही है आजकल ,?

'ख़ुशी से बोला ' अरे उसकी शादी हो गयी है | पति इंजिनियर है .महिंद्रा में . ससुर भी VP रह चुके है | खुश है हम

शशि क्या करती है , मेरे इस सवाल का जवाब अनुत्तरित ही रह गया |
 मुझे आज भी नहीं पता शशि क्या करती है

२) एक और मित्र जिंदगी में बहुत खुश है , खुद को जिम्मेदारियों से मुक्त महसूस कर रही है |
उसने बताया उसकी दोनों लड़किया US में है आजकल |

'क्या कर रही है वंहा ?"  मैंने उत्सुकतावश पूछा|

" शादी हो गयी है दोनों की , लडके ग्रीन कार्ड वाले है |

उसकी दोनों लडकिया वंहा क्या करती है , ये मुझे अब भी समझ नहीं आया |

3)     मेरी पडोसी सुनीता   भी  खुश है ,         जिंदगी की सारी जिम्मेदारिया उसने बखूबी निभायी है |
     
         बेटा IIT से ग्रेजुएट हुआ है और बेटी की अच्छे घर में शादी हुई है |


-4)     पिछले हफ्ते मेरी दूर के रिश्तेदार का फ़ोन आया |          
         बेटी की शादी में बुलाया था

|" ओह , मेघना इतनी बड़ी हो गयी है , मैंने तो उसे स्कूली दिनों में देखा था |      क्या करती है वह ??

" होने वाला पति US में है , और ससुर IIT में    पढ़ाते     है ,और IIT पवई कैंपस में ही रहते है|  वह  ख़ुशी  से  फूली   नहीं  समा   रही  थी |

मै   सबकुछ  जान सकी  , मेघना  का   पति   क्या  करता  है  , मेघना  के   ससुर   क्या  करते   है  . उनका   स्टेटस    क्या  है  , इज्जत  कितनी  है  सबकुछ   पर     अफ़सोस    मै मेघना को जान नहीं पायी|

अफ़सोस मै कुछ भी नहीं जान पायी |

मै यह भी नहीं जान पायी की जब लडकियों की बाते होती है तो बतौर व्यवसाय 'शादी' किस व्यवसाय मे आती है ? अफ़सोस  मै  नहीं  जान   पायी  शादी  किस  करियर , किस  पहचान ,किस व्यवसाय ,किस  पैशन , किस  हॉबी ,किस  चॉइस  का  नाम है |

अफ़सोस  मै यह भी नहीं जान पायी की जब किसी की बेटी , बहन और औरत को जानना होता है तो पति का ओहदा , ससुर का ओहदा इस सबमे कैसे मदद कर सकता है ?   उन्हें  जानना  क्यों  जरूरी  हो  जाता  है  ?  अफ़सोस   मै  नहीं  समझ सकी  की   किसी लड़की  को  समझने के लिये   उसके  पति के ओहदे  को  समझना   क्यों   जरूरी  होता  है  |

अफ़सोस जितना भी किसी लड़की को जानने की कोशिश करती हू, जान नहीं पाती हू |
अफ़सोस अपनी नाकाबिलियत  के  लिए या   अफ़सोस  इस  दुय्यम दर्जे के लिए |

अफ़सोस कुछ भी नहीं समझ पा रही हू






" मुझे नहीं मालूम "








मेरा  और अरविन्द के  भाभी के बीच   कुछ अरसा पहले  हुये  संवाद का एक अन्श ||



" सुना है जयेन्द्रगंज में मर्डर हो गया है |"

"पता नहीं मै सो रही थी , कितनी गर्मी है , बाहर झांकने का भी मन नहीं करता |

'अब तो कुछ घटना नहीं घट रही है ? ठीक है न सब कुछ ?"

अरे क्या हुआ . सुबह ही तो दरवाजे पर सब्जीवाला आया था "

' कल ही तुम जयेन्द्रगंज के डॉक्टर के यंहा गयी थी . कुछ टेंशन था क्या
 वंहा ?
मै अकेली थोड़ी गयी थी , मेरे पति थे न साथ मे , उन्हें ही पता होगा |"

"अब तो ठीक है न वहा सब ? "

हा ये गए है बाहर , पता कर के ही आयेंगे "

ठीक है रखती हू फ़ोन , फीचर पूरा कर अति हू |"

" संभलकर आना , पता है न कैसा है यंहा का क्राउड ! ये तो मुझे बाहर ही नहीं निकलने देते है , रानी की तरह रखते है | दिन भर आराम कराती हू |
 


अरविन्द की भाभी घर के पास घटी इतनी बड़ी घटना के बारे मे कुछ नहीं जानती |
शहर जहन्नुम मै जा रहा है अरविन्द की भाभी कुछ नहीं जानती |

देश के जहन्नुम मै जाने पर , अरविन्द की भाभी क्या करेगी ?

शायद अपने पति से पूछेगी की उसे क्या करना चहिये ???

??????

" bangles "

" नहीं कर सकते तो चूडिया क्यों नहीं पहन लेते , यार !"
कितनी ही बार मैंने अपने चारो और लोगो को यह बोलते सुना है |
कितनी ही बार मेरे मायके और ससुराल वालो ने भी मुझे कहा है " तेरे पति ने क्या चूडिया पहनी है , अब जो तू ये काम करेगी ?"


क्या बात है यदि औरत कोई कठिन काम कर गुजराती है , या फिर पुरुष कोई कठिन काम करने में असमर्थ होता है तो पुरुष को लज्जित करने के लिए लोकप्रिय मुहावरा है
" चूडिया क्यों नहीं पहन लेते ?"
इससे असमर्थ पुरुष पूरी तरह लज्जित हो जाता है |
हाथो में चूडिया पहन लो का अर्थ है की वह पुरुष नहीं है | शोर्ययुक्त नहीं है |चूँकि वह पुरुष नहीं है , और उसे चूडिया पहननी चाहिए इसलिए वह स्त्री है | औरत है |वह स्त्री है क्यों की वह दुर्बल है | असमर्थ है | व्यर्थ है |
स्त्री मात्र ही अक्षम है | अपदार्थ है |अकर्मण्य है , इसलिए किसी पुरुष को स्त्री कह देना , 'चूडिया पहनो कह देना ' बहुत ज्यादा धिक्कारता है , कलंकित करता है |
किसी पुरुष को अकथ्य गाली देने से शारीरिक प्रताड़ना देने से , हाथ में चूडिया पहनाने की बात ज्यादा अपमानकारक है |
पुरुष हाथो में चूडिया पहनने को अपमानकारक समझता है क्यों की पुरुष स्त्री बनने से घृणा करता है. इसलिए उसके बलवान शरीर में 'स्त्री सज्जा का आभूषण पुरुष की ख्याति नष्ट करता है उसके पौरुष को निन्दित करता है |







सच है न , स्त्री होने जैसी चरम लज्जा किसी और चीज में नहीं |  

Yes , I am a whore .





They said  --'Take easy "
They said  -'calm down'
They said - 'Stop Talking '
They said -'Sit down '
They said -'Bow your head '
They said-'Keep on crying .Let the tears roll '

What you should do in response ???

I stood up .
Stood  right up .\
Held my back straight
Held my head high
I spoke  my mind .
Spoke loudly .

I screamed

I screamed  so loudly 
So they had to run for cover .
They said , 'You are shameless , why dont you die ??"

When I heard that '' I laughed !
They said ' You have loose character '
When I heard that
" I laughed louder '
Hearing  my laughter . they shouted   even more loudly  .
They said ' You are a whore '

When they said that
' I Just put my hands on my hips
stood and firmly said


' YES ,yes  I AM A WHORE .'
" YES  yes . I AM A WHORE '




They were shocked 
They stared in disbelief' '
They waited to say ,much more 
much more .


Men amongst them turned red and sweat

 And women amongdt them dreamt to be a whore like me 




   
                                                              (little change from tasleema nasreen's poem)

What is gender ???







                                              'WHAT   is  GENDER "






MEN AND WOMEN are different biologically  They play diffrent  roles into reproducing the human species . Building on their bilogical  differences  every  culture has evolved  roles , traits and forms of behaviour which are thought to be typical of men and women .Some forms of behaviour are thought to be feminine , and others masculine . Similarly some task considered to be suitable for men and some for women .
These roles and  traits  are not necesseralily  handed down to men and women by their biology .Quite a lot of it is the creation of  society Gender is part biology and part society (Social construction)  Men and women are therefore  playing out two sets of realities .


1)     There biolology , the way they are born ,whether its man or woman

2)     The baggage given to them by society –What society thinks they ought to be as men or woman .


 For example , the fact of bearing child  sets women biologically apart from men .Culture has used this biological fact to assign primacy to women’s role as mother and wife and by extension her other roles in the domestic sphere,





GENDER   RELATIONS    SELECTIVELY    HIGHLIGHT     THE BIOLOGICAL      DIFFERENCES      BETWEEN     MEN AND WOMEN WHILE     BRUSHING    ASIDE    THE   SIMILARITIES    UNDER    CARPET

These messages of men and women –what they are and they should be –are deeply rooted in the minds of individuals and collectivity that we call society .
Symbols, Myths, legends ,language, proverbs. Folklore and rituals are other powerful agents that condition  our mind.


Finally ,the routine performance of different tasks itself results in men and women developing different personal qualities , Although men and women  many similarities the  ‘social construction had over emphasis the
   Differences .



मीरा की मृत्यु पर ------मेरी डायरी ka अन्श |

मीरा के बारे में --जब मै स्नातकोतर की छात्रा थी ,मीरा हिंदी कविता पर अनुसन्धान कर रही थी | हमारे करीब आने का कारण --' मै जीवाजी यूनिवर्सिटी की जब सेक्रेटरी थी तब मीरा unioun representative थी |' मीटिंग्स में हमारी मुलाकात अच्छी दोस्ती में बदल गयी थी |
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कॉलेज लाइब्रेरी में , सुनीता ने आकार बताया , मीरा ने आत्महत्या कर ली है|
कामो की व्यस्तता और पारिवारिक जिम्मेदारिया इन सबके बीच हमारा मिलना कम जरूर हो गया था लेकिन मीरा तुम्हारा प्रेम प्रकरण , उससे उग आये rumors , तुम्हारी भाग कर मंदिर मे शादी , यह सब मेरे कानो तक पहुंचता ही रहा |
तुम्हारी मौत की झकझोर देने वाली घटना के बाद भी मुझे इस बात में कोई दिलचस्पी नहीं की तुमने जिस लडके से शादी की थी वह इंजिनीयर था या व्यावसायिक | मुझे इस बात में भी दिलचस्पी नहीं की उसने तुम्हारे साथ क्या किया की तुमने आत्महत्या कर ली ? |
तुम जैसी सफल लेखिका का सम्मान मै न करू ऐसा दुस्साहस मुझमे नहीं |लेकिन तुमने खुद ही यह दुसाहस किया है |अपनी प्रतिभा को तुमने खुद ही अपमानित किया है , मीरा |
' प्रतिभा और लेखनी से जब marital conflict , प्रेम-प्रकरणों की असफलता बड़ी हो जाती है , तब अभागी प्रतिभाशाली लेखिका के अलावा दुखी होने के अलावा कुछ नहीं रह जाता है |
तुम्हे शर्म नहीं आयीं मीरा किटकनाशक अपने गले में उतरते समय ? छि: मीरा छि: |मै समस्त नारी जाती की तरफ से तुम्हे धिक्कारती हू |
इतनी शोकाकुल हो गयी तुम की तुम्हे आत्महत्या करनी पड़ी ? तुम्हारा रिश्ता नहीं निभ पाया , प्यार मे असफल हो गयी तो इतनी दुखी हो गयी की तुमने मरने की थन ली ?? अपने आप को इतना नीच , इतना दयनीय क्यों समझा ? क्या लेखिका होने के नाते तुम्हे कम सफलताए मिली की तुम इन एक दो असफलताओ को जिंदगी की असफलता मान बैठी ?
मै जानती हू मीरा तुम परेशान थी | तुम्हारी तरह शिक्षित ,प्रतिभावान लड़की जब दुनियायी आँखों से परेशान होती है तो इतनी परेशान हो जाती है की एक तुछ लडके के तुछ व्यवहार को जिंदगी की असफलता मान लेती है |क्या ये गलत नहीं ??
क्या मिला तुम्हे खुद को मार के ?क्या होता जो तुम नहीं मरती ? लोग अफवाहे फैलाते ? तुम्हे अपमानित होना पड़ता ? माँ -बाप साथ नहीं देते ? अकेले जीवन बिताना पड़ता ?
क्या यह सब इतना भयानक था की तुम ख़ूबसूरत जिंदगी नहीं जी सकती थी ? उसकी कल्पना भी नहीं कर सकती थी तुम ?
जो लोग घर परिवार बसाये हुए है , क्या उनका जीवन ख़ूबसूरत ही है ?
मुझे गुस्सा है तुम पर |
जिंदगी तुम्हारी थी मीरा , तुम्हारे बाप की नहीं | तुम्हारे माँ की भी नहीं | तुम्हारे पड़ोसियों की नहीं , तुम्हारे प्रेमी की भी नहीं , सिर्फ तुम्हारी थी , सिर्फ तुम्हारी | दूसरो के प्यार और अवेहलना तुम्हे नियंत्रीत करते रहे ??अपने आपको नियंत्रित करने की ताकत नहीं थी तुममे ?
इतनी उबड़-खाबड़ रास्तो पर चल कर भी मै ,तुम्हारी दोस्त गतिमय और प्राणवान बन सकी और तुम ???
शिक्षा तो हमें जीने की प्रेरणा देती है कला और साहित्य हममे जीने का सहस बटोरते है | जो    लड़किया    समझती है पति या परिवार के बगैर वे कुछ भी नहीं , फालतू है         " क्या तुम भी उनमे से एक थी मीरा ??
तुम इतनी भावुक हो गयी ?? भावुक होना अच्छा , पर तुम्हारी भावना अगर घातक है तो धिक्कार है तुम पर |
सौ धिक्कार है तुम्हारे असहनशील ह्रदय पर !!
मै , समस्त दोस्तों की तरफ से,समस्त नारी जाती की तरफ से धिक्कारती हू तुम्हे | तुम्हारी तरह कमजोर . डरपोक नारी अब दुनिया मे आगे जन्म ही न ले येही कमान कराती हू मीरा तुम्हारी मौत पर |

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