"जानना चाहती हू"


कल रास्ते में एक परिचित मिला | दस साल पहले वह मेरा पडोसी था , स्वाभाविक ही मैंने उससे घरवालो के बारे में पूछा|

' तुम्हारी बहन शशि क्या कर रही है आजकल ,?

'ख़ुशी से बोला ' अरे उसकी शादी हो गयी है | पति इंजिनियर है .महिंद्रा में . ससुर भी VP रह चुके है | खुश है हम

शशि क्या करती है , मेरे इस सवाल का जवाब अनुत्तरित ही रह गया |
 मुझे आज भी नहीं पता शशि क्या करती है

२) एक और मित्र जिंदगी में बहुत खुश है , खुद को जिम्मेदारियों से मुक्त महसूस कर रही है |
उसने बताया उसकी दोनों लड़किया US में है आजकल |

'क्या कर रही है वंहा ?"  मैंने उत्सुकतावश पूछा|

" शादी हो गयी है दोनों की , लडके ग्रीन कार्ड वाले है |

उसकी दोनों लडकिया वंहा क्या करती है , ये मुझे अब भी समझ नहीं आया |

3)     मेरी पडोसी सुनीता   भी  खुश है ,         जिंदगी की सारी जिम्मेदारिया उसने बखूबी निभायी है |
     
         बेटा IIT से ग्रेजुएट हुआ है और बेटी की अच्छे घर में शादी हुई है |


-4)     पिछले हफ्ते मेरी दूर के रिश्तेदार का फ़ोन आया |          
         बेटी की शादी में बुलाया था

|" ओह , मेघना इतनी बड़ी हो गयी है , मैंने तो उसे स्कूली दिनों में देखा था |      क्या करती है वह ??

" होने वाला पति US में है , और ससुर IIT में    पढ़ाते     है ,और IIT पवई कैंपस में ही रहते है|  वह  ख़ुशी  से  फूली   नहीं  समा   रही  थी |

मै   सबकुछ  जान सकी  , मेघना  का   पति   क्या  करता  है  , मेघना  के   ससुर   क्या  करते   है  . उनका   स्टेटस    क्या  है  , इज्जत  कितनी  है  सबकुछ   पर     अफ़सोस    मै मेघना को जान नहीं पायी|

अफ़सोस मै कुछ भी नहीं जान पायी |

मै यह भी नहीं जान पायी की जब लडकियों की बाते होती है तो बतौर व्यवसाय 'शादी' किस व्यवसाय मे आती है ? अफ़सोस  मै  नहीं  जान   पायी  शादी  किस  करियर , किस  पहचान ,किस व्यवसाय ,किस  पैशन , किस  हॉबी ,किस  चॉइस  का  नाम है |

अफ़सोस  मै यह भी नहीं जान पायी की जब किसी की बेटी , बहन और औरत को जानना होता है तो पति का ओहदा , ससुर का ओहदा इस सबमे कैसे मदद कर सकता है ?   उन्हें  जानना  क्यों  जरूरी  हो  जाता  है  ?  अफ़सोस   मै  नहीं  समझ सकी  की   किसी लड़की  को  समझने के लिये   उसके  पति के ओहदे  को  समझना   क्यों   जरूरी  होता  है  |

अफ़सोस जितना भी किसी लड़की को जानने की कोशिश करती हू, जान नहीं पाती हू |
अफ़सोस अपनी नाकाबिलियत  के  लिए या   अफ़सोस  इस  दुय्यम दर्जे के लिए |

अफ़सोस कुछ भी नहीं समझ पा रही हू






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