बिचारी ....! कितना काम कराती है ' पति के रिश्तेदार ने चिंता जतायी |
'बिचारी ...कैसे रहती हो ? मुझे देखो मेरा पति रानी जैसा रखता है |दिन भर आराम फरमाती हू | पति के भाभी ने दया की भीख मेरे झोले में बिन मांगे ही भर दी दी थी |
'पति की कमाई और बीवी का चरित्र यही सुखी गुहस्थी का राज है' | साँस ने मंत्र मेरे कान में फूंक दिया था |


तब मैंने चुप रहना ही बेहतर समझा|
पर आज मै जवाब देना जरुरी समझती हू |
'    हाँ , कमरतोड़  मेहनत की है   सिर्फ इसलिए  क्यों की नौकर ,टीवी और ठाट -बाट से ज्यादा मै अपनी बुद्धिमत्ता और व्यक्तिमत्व को ज्यादा महत्व देती हू |
मै अपने स्वाभिमान को कभी छोटा करके नहीं देखती |


'Yes , I worked very hard both at home and outeside home "just because   It has always been wrong for me to expect any man to build the world I wanted rather than to create it for myself ..और इसलिए मेरा पति मुझे कैसे रखता है  रानी जैसा या कुछ और मेरे लिए कुछ मायने नहीं रखता |


Yes i worked hard becuse when your  chose you  men to taken you  to places I just cliked my heels spread my wings and flewwww     just because I buy my own dremas .  and thats why  didnt let   my father . brother and husband hire  me  to build theirs ..






|तुम सबने  पुरुषो को follow करना जरूरी समझा  but   I  ..... followed   'MY OWN DREAMS '

और उसका परिणाम है  की शाम को थक हार कर मै  जिस घर में कदम रखती हू  वो मेरा अपना घर है | मेरी अपनी इच्छाओ  और सपनों के अनुरूप | इस घर में ता जिंदगी मै औरो की तरह अपने टूटे हुए स्वप्न  के लिए  विलाप नहीं कराती रही की 'शादी के पहले मुझे यह सब  पसंद था |'

 - और इसलिए   आज मुझे वह जीवन नहीं बिताना पड़ता जहाँ दिन भर के कामो का हिसाब -किताब देना पड़ता है |
-और इसलिए मुझे  औरो ने मेरे लिए तय किया हुआ  एक तयशुदा जीवन निर्वाह नहीं करना पड़ता|

Yes  it may be delightfully difficult and easier on you 

"If YOu agreed "


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