तुम्हे देखकर गुंडों की सीटिया नहीं तो क्या मंदिर की घंटिया बजेंगी ?

निर्भया  की   documentary  देखने के बाद दो  दिन  सो  नहीं  पायी |  दिल  दहला  देने  वाली  इस घटना ने  हर  संवेदनशील इन्सान को उस दिन रुला दिया , जिस दिन ये घटना घटी |
 पर  आज   मेरी बैचैनी का कारण था रेपिस्ट का इंटरव्यू |
 lawyer  का  interview |

जब से  ये  documentary हमारे घरो में पहुची है , तब से अनेको के मुह से सुन चुकी हू  | हर पुरुष  एसा नहीं होता | एक रेपिस्ट Indian  male represent  नही कर सकता |

क्या हम सच कह रहे है ?
इतनी नाखुशी  दिखाने  वाले पुरुष  अपने  सर  पर हाथ रख कर  कहे क्या उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी  एसा  सोचा नहीं ? क्या उन्होंने कभी अपनी बहन, बेटी और  बीवी से कहा नहीं .
 " तू वंहा क्या कर रही थी?' ' इतनी रात को तू   उसके साथ क्या कर रही थी ?
मुझे तो रेपिस्ट मुकेश और अपने भाई  में शतप्रतिशत समानता नज़र आती  है "
' मेरे भाई ने भी मुझसे कई बार कहा है " भली  लडकिया  शाम के  बाद  घर  से  नहीं  निकलती "

मेरे भाई  ने भी  मुझसे  कई  बार  कहा है . " तू  उस लडके के साथ  रत १० बजे वंहा क्या कर रही थी " ( यही बात  rapists  ने  निर्भया  से बस  में पूछी
 " तुम दोनों इतनी रात  को वंहा क्या कर रही थी ?
''तुमने जीन्स क्यों पहनी थी ?
' एसा तुम्हारे साथ ही क्यों हुआ ?
 प्रॉब्लम लडकियों में ही है " जैसी  मेरे चारो तरफ  विद्यमान पोटेंशियल रेपिस्ट से मैंने भी एसा ही सुना था |

" ताली  दोनों हाथ से नहीं बजती . "कहने वाला बास्टर्ड मुकेश क्या मेरे  भाई जैसा नहीं है . जो मुझसे हमेशा कहा करता था , भली लडकियों के   rape  नहीं होते |

 अपने  college days  में मैंने जनसत्ता में एक लिखा  था . अमिताभ बच्चन के सेक्सिस्ट   dialogue  पर , अब मुझे ठीक से याद नहीं लेकिन दोस्ताना फिल्म में अमिताभ  पुलिस इंस्पेक्टर होता है , जीनत अमान  सेक्सुअल  harassment  की कंप्लेंट लेकर  थाने जाती है
  अमिताभ  पूरी  x-ray  निकालते  हुए जीनत को देखता है , वो देखना कंही भी किसी  potential rapist   से कम नहीं था " कहता है
" तुम्हे इस रूप में देखकर गुंडों की  सीटिया  नहीं
तो क्या  मंदीर  की घंटिया  बजेंगी ? "

और हॉल में तालियों की गडगडाहट |

अमिताभ भी कह देता है तुम्हारे कपडे invite कर रहे थे | गुंडे गलत नहीं है |

आज सोचती  उस मुकेश , और उस वकीलों के बारे में जिन पर हम documentary  देखने के बाद जूते मार रहे है ,क्या वो सिर्फ एक कदम आगे नहीं है . 

सिर्फ एक कदम ,

 हमारे अपने घरो के पुरुषो के . मेरे भाई के , जिसने  सभ्यता और  असभ्यता   definition  बिलकुल वैसे ही दी जैसे वो वकील दे रहा था |


"woo  लड़की ही ऐसी थी " कहने वाला मेरा देवर भी बिलकुल मुकेश जैसा है जो चिल्ला चिल्ला कर कह रहा है 'ताली  एक हाथ से नहीं बजती "
'molestation के बाद " तुम्हे ग्वालियर में जीन्स पहनने की क्या जरूरत थी कहने वाले मेरे पार्टनर में भी मुझे वही अमिताभ बच्चन दिखाई देता है जो कह रहा है 'तुम्हे देख कर क्या मंदिर की  घंटिया  बजेंगी : ?
सच कहू  तो , मेरे घर में , तुम्हारे घर में  जहा कही  sexist . behaviors है वंहा  सब जगह sexual abuse है |

                                 और ये सब पोटेंशियल रेपिस्ट है |

                                       पोटेंशियल रेपिस्ट |

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