GORI ..GORI

GORI ....GORI 










कल नासिक आते समय बस में पास बैठी महिला से परिचय हुआ |अपने बेटे के रिश्ते के सिलसिले में कही मिलने जा रही थी |बातो बातो में पता चला लड़का merchant nevy में है | अच्छा खासा पैसा कमाता है | माँ परेशां थी _ लड़की ही नहीं मिल रही है उसके लिए | जब कुंडली वगैरह सब मिल जाती है तो lलड़की सांवली निकलती है |
--दिशा की सहेली के माता पिता को रिश्तेदार आकर चेतावनी दे जाते है
" लड़की सांवली है , शादी जल्दी कर दो " वर्ना घर बैठी रह जाएगी |
मेरे पडोसी अपने बेटे को IIT में जाने के लिए इसलिए प्रोत्साहित करते रहे क्न्यो की IIt की डिग्री के बाद जब लडकियों के माँ -पिता गठरी लेकर घूमेंगे तो उसमे से गोरी लड़की चुनना आसान
हो जायेगा | IIT का goal सिर्फ गोरी लड़की के लिए हो सकता है यह सोच मुझे आतंकित कर देती है
गोरा बनने की दौड़ में हम अब यंहा तक पहुच गए है की गाँवो में
जंहा भरपेट
खाना नहीं मिलेगा वंहा fair and lovely तो जरूर ही मिलेगी |
नेल्सन मंडेला के विचारधारा पर झंडे उठाने वाला लड़का घर आकर बीवी के रूप में गोरी लड़की की मांग करता है |
लड़की शिक्षित है या नहीं , intelligent है या नहीं , क्रिएटिव है या नहीं , passionate है या नहीं यह सब देखने के पहले लड़का और उसके माँ -बाप देखते है की लड़की की ख़ाल सफ़ेद है या नहीं |
बड़े स्तर से लेकर बहुत छोटे स्तर पर वर्णभेद चल रहा है | |सिर्फ अफ्रीका में ही नहीं तृतीय विश्व के हर घर के हर कोने में गुप्त रूप से भयानक रूप में यह वर्ण भेद चालू है |






एक हद तक लडकियों के पोषाक की तरह इसे साबुन ,सोडा से फींचकर खींचकर सफ़ेद किया जा सकता तो तो सबको बड़ी ख़ुशी होती |

कपडे जिस तरह हेंगर पर टंगे होते है ,
लडकिया भी परिवार के हेंगर पर टंगी हुई है | ----कुछ करो यार |

Translate

follow me on face book