" bangles "

" नहीं कर सकते तो चूडिया क्यों नहीं पहन लेते , यार !"
कितनी ही बार मैंने अपने चारो और लोगो को यह बोलते सुना है |
कितनी ही बार मेरे मायके और ससुराल वालो ने भी मुझे कहा है " तेरे पति ने क्या चूडिया पहनी है , अब जो तू ये काम करेगी ?"


क्या बात है यदि औरत कोई कठिन काम कर गुजराती है , या फिर पुरुष कोई कठिन काम करने में असमर्थ होता है तो पुरुष को लज्जित करने के लिए लोकप्रिय मुहावरा है
" चूडिया क्यों नहीं पहन लेते ?"
इससे असमर्थ पुरुष पूरी तरह लज्जित हो जाता है |
हाथो में चूडिया पहन लो का अर्थ है की वह पुरुष नहीं है | शोर्ययुक्त नहीं है |चूँकि वह पुरुष नहीं है , और उसे चूडिया पहननी चाहिए इसलिए वह स्त्री है | औरत है |वह स्त्री है क्यों की वह दुर्बल है | असमर्थ है | व्यर्थ है |
स्त्री मात्र ही अक्षम है | अपदार्थ है |अकर्मण्य है , इसलिए किसी पुरुष को स्त्री कह देना , 'चूडिया पहनो कह देना ' बहुत ज्यादा धिक्कारता है , कलंकित करता है |
किसी पुरुष को अकथ्य गाली देने से शारीरिक प्रताड़ना देने से , हाथ में चूडिया पहनाने की बात ज्यादा अपमानकारक है |
पुरुष हाथो में चूडिया पहनने को अपमानकारक समझता है क्यों की पुरुष स्त्री बनने से घृणा करता है. इसलिए उसके बलवान शरीर में 'स्त्री सज्जा का आभूषण पुरुष की ख्याति नष्ट करता है उसके पौरुष को निन्दित करता है |







सच है न , स्त्री होने जैसी चरम लज्जा किसी और चीज में नहीं |  

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