women day के ढेरो wishes | पर साथ में उलहाने भी . 'तुम्हे क्या करना है women day "? .सारी सुविधाये तुम्हे ही चाहिये? और क्या लोगे अपने झोली में ?
' तुम्हे देते देते हम तो कंगले हो जायेंगे ? -एक पुरुष मित्र ने मजाक किया | 'घर बैठकर टीवी पर साँस -बहू के serials तुम्हे चाहिये | फिर भी बराबरी चाहिये |
अरे किसने कहा हमें चाहिये? मुझे तो नहीं चाहिये | नहीं नहीं मुझे सब गलत समझ रहे है | मै खुशिया नहीं मांग रही हू , मै खुशिया देना चाहती हू , | मै तो सिर्फ देना चाहती हू|अपने पास तो एक आना भी नहीं रखना चाहती मै | मेरी झोली में जो है वो सब तुम पर उड़ेल देना चाहती हू| देखो मै बराबरी नहीं मांग रही हू | अब मै सब कुछ तुम पर उंडेल कर कंगली हो जाना चाहती हू |
--सबने कहा बचपन से कहा "औरते ममता की मूरत होती है "
| प्यार उनकी झोली में लबालब भरा है | तुम तो ममता की मूरत हो , साक्षात् देवी हो देवी | नहीं यार इतना . credit मै नहीं चाहती | मुझे अब लेना नहीं सिर्फ देना ही देना है | सच्ची -मुच्ची बहुत दे चुके मुझे | अब आपको देती हू . | चाहिये तो आप सूद समेत वापस ले ले | आपको दे देती हू ये ओहदा | आप बन जाये प्यार की मूरत | हर बात पर मुस्कराये . जिंदगी के सारे जहर के घूंट आप पी लो और साक्षात् भगवान की मूरत बन जाओ | मुझे नहीं बनना है देवी . दुर्गा .लक्ष्मी और सरस्वती आप बन जाये भगवानो के भगवान और मुझे मुक्त कर दे सामान्य जिंदगी जीने के लिए | experiments करने के लिये | गलतिया करने के लिये | गलतिया कर सुधरने के लिये | थोडा तुम्हारा और थोडा मेरा सोचने के लिये |
-मेरे पिताजी और भाई हमेशा खाने की मेज़ पर पहले से डटे होते थे| मै और माँ उन्हें गर्म गर्म फुलके बना कर खिलाते और वो मेरी और माँ के तारीफों के पूल बांधते| कहते जाते 'खाना बना कर खिलाने में जो मज़ा आता है , .जो ख़ुशी मिलती है , वो ख़ुशी दुनिया की किसी चीज़ में नहीं | कितनी ख़ुशी मिलती होगी न मधु तुम्हे ? कितना आत्म-संतोष महसूस करती होगी न तुम | ये ख़ुशी भी मै अपने पास रख लू ? अब मै इतनी स्वार्थी कैसे हो सकती हू की सारी खुशिया अपने पास रख लू | चलो ये खुशिया तुम्हे देती हू |.आज से गर्म खाना बना कर परोसने में जो सुख मिलता है उसे तुम रखो मुझे देने इतना एहसान मत करो ||
--हम औरते बहुत बड़े काम कर रही है .बच्चो को बड़ा कर रही है | एक नयी पीढ़ी गढ़ रही है | इतना महत्वपूर्ण काम कोई कर ही नहीं सकता | पुरुष तो कभी नहीं | फिर से तुम मुझे इतना स्वार्थी मत बनाओ की बहुत महत्वपूर्ण काम मै अपने जिम्मे रख लू और तुम्हे उबाऊ काम सौप दू | नहीं यार . इतने selfishness के ओझे मत दो मुझे .ये जिम्मेदार काम भी तुम अपने जिम्मे रख लो | बच्चो की परवरिश करो . देश की पीढ़ी को गढ़ाओ और सुख अपनी झोली में भर लो | जिंदगी का सबसे imp portfolio मै तुम्हे देती हू जिससे उन्हें बड़े करने का सुकून तुम्हे मिल सके | 'घर ' नाम के इस imp portfolio से सिर्फ तुम्हारा और तुम्हारा नाता हो | ,
- तुम औरते अपने आप को कम क्यों समझती हो :, मधु ? " तुम लोग तो multitasker है | हमारे corporate world में तो सीखाया जाता है की multitasking भारतीय औरतो से सीखो | ----भारतीय औरतो से सीखो managerial skills ;
ये तो बहुत बड़ा portfolio है . आपस में जलने वाली औरते इतनी बड़ी जिम्मेदारी नहीं निभा सकती | तो ये ख़ुशी भी तुम ले लो यार | तुम multitasking करो और managerial skills की मिसाल बनो| अपने corporate world में मै भी फक्र से कहू multitasking सीखना है तो भारतीय पुरुष से सीखो |
-तुमने मेरे सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है , तो अब मुझे लेने दो | मै बाहर की दुनिया संभाल लूंगी और बदले में तुम्हे सुरक्षा देना चाहूंगी | ' हर सफल पुरुष के पीछे एक औरत होती है " नो यार अब तो मुझे तुम्हारी सफलता के credits भी नहीं चाहिये| मै ये ओहदा तुम्हे देना चाहूंगी | मै फक्र से कहूँगी , ;
'मेरी सफलता का राज मेरे पीछे खड़े उन पुरुषो को जाता है जिन्होंने मेरी देखभाल की | मेरी care की | '
सारे laws तुम्हारे साथ है और तुम इसका दुरूपयोग कर रही हो | फिर भी स्त्री स्वतंत्रता की बात कर रहे हो ?--- मेरे दोस्त के वही उलाहने | बार बार | नहीं यार सच पूछो तो मुझे मेरे लिये कायदे -कानून भी नहीं चाहिये ये सड़के मुझे दे दो . ये mobility मुझे दे दो | शादी के बाद मेरे घर तुम आओं |मेरे माँ -पिता को तुम संभालो \त्याग और पवित्रता की मूर्ति बन जाओ | और सारे कायदे जो मेरे हक़ में है वो मै तुम्हे देती हू|
plz आजके बाद मत कहना feminist हू demand कर रही हू | दे ही दे रही हू | अब सिर्फ तुम्हारे लेने की बात है |