---दिशा की डॉक्टर अपॉइंटमेंट है उसे याद दिलाना है | ---अरविन्द को मसाले खाने से मना किया है , सादा छोका लगाना है | ------- कल family friend आ रहा है उसे postal add with डायरेक्शन watsapp करना है | ------- दिशा को kk बुक करने का रिमाइंड करना है | -----एक एक्स्ट्रा चाबियों का गुच्छा मिल नहीं रहा उसे ढूंढ कर रखना है | -------दिशा का बर्थडे है कैसे स्पेशल करे इसे प्लान करना है | ------- deek को vitamin D लेने के लिये remind करना है | ------ '' अरविद दस दिन बाहर रहेगा , out station . अपने और घर के कामो के साथ उसके भी बहुत से काम देखने है |
एसी भाग दौड़ आपके साथ भी होती है ?
of course इससे कंही ज्यादा | कभी सोचा है घर के physical कामो के अलावा एसे कितने ही काम औरतो के पाले में आते है | सिर्फ खाना बनाना ही नहीं बल्कि उसके साथ क्या खत्म हो गया है , उसकी लिस्ट | -- क्या होलसेल से लाना है , ---किसकी ऑनलाइन आर्डर देनी है . , ---- क्या ख़राब हो रहा है , ---- कौन सा bulb फ्यूज हो गया है . ----- किसकी कब exam है .------किसका मूड ऑफ है . -----किसकी पार्टी है इसलिए ड्रेस लांड्री से मंगाना है , ---- husband को बोला था पनीर लाने के लिये , वो भूल गया | चलो माफ़ किया | थका आया है , -----म्यूजिक प्ले कर देती हू ,कॉफ़ी बना देती हू|
थक गयी हू भूख लगी है पर मेरा बच्चो के सर पर हाथ फेरना जरूरी है , क्यों की वो थके आये है |
इसमे actual खाना पकाना , कपडे धोना जैसे शारीरिक काम नहीं है , लेकिन किसी को ख़ुशी देने के लिये काम हो रहा है | | हम जो कुछ फील कर रहे है उसे बाजू रख जब हम अगले व्यक्ति की ख़ुशी के लिये अपने भावनाओ का मैनेजमेंट करते है , यानि emotional मैनेजमेंट , emotional labor . उदा -----' ससुर ने सुबह ही नाश्ते में हलुआ की मांग कर दी | इतनी भाग दौड़ .. उसमे हलुआ ? जो बना है वो क्यों नहीं खाते ? लगा सर पर कूकर दे मारू \ पर husband के ऑफिस का समय है . बेटे की exam है .बेटी का मैच है | घर का माहौल नहीं ख़राब कर सकते . इसलिए मुस्कराकर कह दिया ' अभी बनाती हू , पांच मिनट| emotions का ये लगातार shifting औरतो से लगातार emotional labor करा रहा होता है जिसका कोई वेतन नहीं होता | कोई आइडेंटिटी नहीं होती | कोई recognition नहीं मिलती |
This is another form of stress | Emotional labor का साधा सा अर्थ है की हम जो महसूस कर रहे है वो genuinely express नहीं करते , ईमानदारी से अभिव्यक्त नहीं करते , हम परेशान है तो भी ख़ुशी ही अभिव्यक्त करेंगे | क्यों की घर का सदस्य खुश रहे | service industry है तो customer खुश रहे | एसे कितने ही अनगिनत काम है जिनमे हम अपनी भावनाओ का , अपने emotions का हर पल इस्तेमाल कर रहे होते है | जो थकाने वाले होते ही है साथ ही किसी को नज़र नहीं आते , बड़े आसानी से घरवाले कह देते है " दिन भर क्या काम था ? थका तो मै हू |
This management of emotions for family ,childcare is another form of unpaid work . Its like PR strategy for home and family members
(Emotional labor, or the work that goes into expressing something we don’t genuinely feel, is one of sociology’s central concepts. It was first introduced in 1979 by Arlie Russell Hochschild, whose book the Managed Heart argued that, being all smiles when we’re sad, or pretending to care when we’re indifferent, does little good for our psychological well-being.) for ex - हवाई सुंदरी ,नर्से , receptionist जिसे हर हाल में चेहरें पर मुस्कराहट रख कर ख़ुशी बिखेरनी है | ये व्यवसायीकरण है उस काम का जो औरतो से घर में अपेक्षित है | १ ) घर में emotional labor = अच्छी औरत |२) घर के बाहर एसे काम = gendered role ( जो औरत घर में करती है वह बाहर भी करे ) औरते भी हर हाल में घर में ख़ुशी बिखेरती है है जिसके बदले कोई वेतन नहीं मिलता . जब इस emotional labor का व्यवसायीकरण होता है तो वंहा भी औरते ही होती है | १) गरीब और मध्यम वर्ग में जंहा घरो में नौकर नहीं है , और औरते औरते घर के बाहर भी वेतन के लिये काम कर रही है औरते जरूरत से ज्यादा काम कर रही है a ) बिना वेतन का काम _शारीरिक - खाना पकाना आदि b) वेतन के लिये बाहर काम c) community work -ex -कोई रिश्तेदार बीमार है उससे मिलने जाना c) emotional labor --घर की ख़ुशी के लिये अपने emotions control में रखना | economic status के अनुसार सिर्फ physical work नौकरों से replace होता है बाकी काम तो औरते करती ही है ये emotional labor बहुत थकाने वाला होता है और इसे legitimate strain के रूप में में भी स्वीकारा नहीं जाता | और बाहर की service industry भी औरत से ' service with a smile की अपेक्षा करती है |हम औरते जानती है की ये हमारा authentic self , नहीं है लेकीन हम कंधे उचका कर कह देते है 'we do not have choice " क्यों की घर से थोडा भी detachment की मै कल्पना भी नहीं कर सकती , मेरे बगैर ये घर पागल खाना हो जायेगा |
सच है | बिलकुल सच | detach ना सही , shaking of patriarchy न सही पर अब समय है जब किसे खाने में क्या पसंद है इसे भूलने का और मुझे क्या पसंद आयेगा ये याद रखने का |----- सब की success सेलिब्रेशन भूलने का और hard work के लिये अपनी पीठ थपथपाने का | ---- चाबियों का दूसरा गुच्छा न मिलने पर guilty न फील करने का | lets celebrate our hard work . cheers
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